लाठी और हल्दी की सब्जी

पुष्कर मेले से मैंने एक लाठी खरीदी है और उस लाठी का नाम मैंने भगवान की लाठी दिया है जिसमे आवाज़ नहीं होती । वो लाठी बहुत ही डिज़ाइनर है और बेचने वाले ने कहा की भगवान की कृपा से सालो भर वो किसी न किसी मेले में अपनी लाठियों की दुकान लगता है । वहां हम लोग ६ दिन रहे और पुरे मेले को शूट किया। मेले से मैंने एक बैग ख़रीदा जो की हैण्ड मेड  है और गाँव के लोगो ने उसे बनाया है वह मैंने एक चीज देखि जो की मुझे सिर्फ राजस्थान में ही देखने को मिली की एक दिया और मिटटी का खिलौना बनाने वाला भी अपना सामान ऑनलाइन बेचता है और अपना कार्ड आप को दे देगा की आप ऑनलाइन भी खरीद सकते है वहां के लोग बहुत अच्छे है और हमेशा खुश रहने वाले भी। हमारे साथ जो गाइड था वो राजस्थान टूरिज्म फ़ोर्स से थे जो की राजस्थान में पहली बार ऐसी फ़ोर्स है जो टूरिस्ट के लिए बने गई है और जो गाइड थे उन का नाम नरेंदर था उन्होंने हमे हल्दी की सब्जी और रोटी भी खिलाई हल्दी की सब्जी मैंने पहली बार खाई थी। अभी तक मै जहा भी घुमा उन जगहों में से पुष्कर भी एक अच्छी जगह है .

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