वक़्त...




















तुमसे मिलना या न मिलना हमेशा एक कहानी बनी रहेगी, न मेरे पास वक़्त होगा और न ही तुम्हारा मन...
बातें हमारी चलती रहेंगी, तुम्हारा मुस्कुराना मुझे हँसाता रहेगा, ये रिश्ता हमेशा निभता रहेगा, सवाल वैसे ही होंगे मेरे तुमसे,
बस जवाब का पता न होगा, तुम्हारा दर्द मेरा होगा, बस मिलने का कोई अता पता नहीं होगा, ये रिश्ता क्या कहलाता होगा....
बहुत सोचा पर वक़्त हमेशा तुम्हारा होगा...


Comments