मुझे लिखना नहीं आता ..
















कभी कभी तुम्हारी बातें सच्ची लगती है
कभी मे खुद में उलझ जाता हूँ
कभी सवालों के सारे जवाब होते है
कभी एक सवाल पे आ  के रुक जाता हूँ
कभी पूरी दुनिया मेरे साथ रहती है
कभी मै बहुत अकेला रहता हूँ
कभी सब के लिए आकाश हूँ मै
कभी खुद को अपना नाम याद नहीं
कभी हर बात पे खुश हो जाता हूँ
कभी एक आवाज़ के लिए परेशां रहता हूँ
कभी खुद को मै पहचान न पाऊं
कभी वो वक्त न आये जब इन सवालो से मै घीर जाऊ...

Comments