मेडिकल टूरिज्म।

पांच सितारा हॉस्पिटल के एक डॉक्टर की बुकलेट देख रहा हूँ ऊपर लिखा हैं मेडिकल टूरिज्म और नीचे डॉक्टर साहेब की हँसती हुई फोटो। बुकलेट में कहानी से ज्यादा फोटो छपी हैं कैप्शन है विथ नाइजीरियन पेसेंट विथ अफगानी पेसेंट विथ तंज़ानिया पेसेंट विथ अमेरिकन पेसेंट। सारे पिक्चर में डॉक्टर साहब पेसेंट से चिपके पड़े हैं। याद आता हैं वो AIIMS के बहार का नज़ारा। कभी इन डॉक्टरों की फोटो उनलोगो के साथ नहीं देखि जो गाओं देहात और दूर दराज इलाके से आते हैं एक आस लगा कर अपनों के ठीक होने का और सरकारी अस्पतालों में घंटो लाइन लगा के अपना नंबर लेते हैं और डॉक्टर को दिखाने का जब नंबर आता हैं तो डॉक्टर उन्हें ऑपरेशन का टाइम सात आठ महीने बाद दे देता हैं ये कह के की बेड खाली नहीं हैं AIIMS के बाहर ऐसे कितने लोग मिल जाएंगे जो अपने और अपने अपनों के इलाज के लिए दिल्ली तक आये हैं कुछ अपने काम को छोड़ कर कुछ खेत ज़मीन बेच कर। खैर गरीबो की गरीबी दिखाने के लिए सरकार ने रूरल टूरिज्म बनाया अब अमीरो की अमीरी के लिए मेडिकल टूरिज्म।

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