हम मेले में रहते हैं।
Fairs of India ( भारत के मेले ) मेरी डाक्यूमेंट्री सीरीज हैं जिसमे हम भारत में लगने वाले मेलो के बारे में दर्शको को दिखाते हैं चाहे मेला कुम्भ का हो या बिहार में लगने वाला सोनपुर मेला। शुरू से ही मुझे मेला बहुत पसंद था वहाँ घूमना खाना पीना ऐसा लगता था सब एक हैं वहाँ। बहुत दिनों बाद मौका मिला इस पे काम करने का और मैं जिस मेले में गया वहाँ से कुछ न कुछ निशानी के तौर पे ले आया चाहे सोफे पे रखी ये राजस्थान की चादर हो या दिवार पे टंगी ये हरयाणा की भोपू। लगभग २० अलग अलग राज्यों से मैं कुछ न कुछ ले आया जो मेरे घर में हैं और ऐसा लगता है मैं मेले में रहता हूँ।
Fairs of India ( भारत के मेले ) मेरी डाक्यूमेंट्री सीरीज हैं जिसमे हम भारत में लगने वाले मेलो के बारे में दर्शको को दिखाते हैं चाहे मेला कुम्भ का हो या बिहार में लगने वाला सोनपुर मेला। शुरू से ही मुझे मेला बहुत पसंद था वहाँ घूमना खाना पीना ऐसा लगता था सब एक हैं वहाँ। बहुत दिनों बाद मौका मिला इस पे काम करने का और मैं जिस मेले में गया वहाँ से कुछ न कुछ निशानी के तौर पे ले आया चाहे सोफे पे रखी ये राजस्थान की चादर हो या दिवार पे टंगी ये हरयाणा की भोपू। लगभग २० अलग अलग राज्यों से मैं कुछ न कुछ ले आया जो मेरे घर में हैं और ऐसा लगता है मैं मेले में रहता हूँ।
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