कुछ लिखना बाकि हैं

न दिन होता हैं न रात होती हैं 
सभी कुछ रुक गया हैं 
कुछ पन्ने खाली हैं 
कुछ में जो लिखा हैं वो सही नहीं हैं 
कुछ मिट चूका हैं 
कुछ लिखना बाकि हैं 
कुछ सवाल पूछे हैं मैंने 
कुछ जवाब आना बाकि हैं 
कुछ उलझा सुलझा सुलझा उलझा सा हैं 
कुछ थोड़ा बाकि हैं 
कुछ दरारे हैं दीवार में 
कुछ दीवारें खड़ी हो चुकी हैं 
कुछ को गिरा दूंगा मैं 
कुछ आसमान में उड़ना बाकि हैं 
कुछ अपने लिए चाहिए अब 
कुछ अपना चाहिए अब 
कुछ वादें अपने लिए भी कर लू मैं 
कुछ थोड़ा मर लू मैं 
कुछ थोड़ा वकत को मुट्ठी में कैद करना हैं 
कुछ थोड़ा उड़ना हैं 
कुछ पन्ने खली हैं 
कुछ लिखना बाकि हैं 
सभी कुछ रुक गया हैं
न दिन होता हैं न रात होती हैं 


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