मार तो सब रहे हैं किसी न किसी को
को वहां मार रहा हैं कोई यहाँ मार रहा हैं
कोई गोली बन्दूक से मार रहा हैं
कोई जबान से मार रहा हैं
कोई अपनों को मार रहा कोई अपने को मार रहा हैं
मारने मरने का तरीका बस अलग हैं कोई जीने के लिए मार रहा
कोई मरने के लिए मार रहा। मार हर कोई रहा हैं
कोई विश्वास तोड़ के मार रहा कोई विश्वास जोड़ के मार रहा
हर कोई लगा हैं फ़िराक में कोई मर रहा कोई मार रहा हैं।
को वहां मार रहा हैं कोई यहाँ मार रहा हैं
कोई गोली बन्दूक से मार रहा हैं
कोई जबान से मार रहा हैं
कोई अपनों को मार रहा कोई अपने को मार रहा हैं
मारने मरने का तरीका बस अलग हैं कोई जीने के लिए मार रहा
कोई मरने के लिए मार रहा। मार हर कोई रहा हैं
कोई विश्वास तोड़ के मार रहा कोई विश्वास जोड़ के मार रहा
हर कोई लगा हैं फ़िराक में कोई मर रहा कोई मार रहा हैं।
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