I am a Coin Diver

Coin Divers की जिंदगी मेरे यकीन क हदों से परे थी और मैंने कभी नहीं सोचा था की ये गोताखोर इतने बड़े तादात में होंगे और इनकी जिंदगी ऐसी होगी.हम जिस समाज में रहते है वहा हमारी आँखें भी ऐसी हो गई है जिसे अच्छा देखने की आदत पर चुकी है, वैसी ही कहानी है इन सिक्का चुनने वालो की इनकी जिंदगी और इनकी दुनिया हमसे बिलकुल अलग है हम सुबह उठ कर ऑफिस या स्कूल जाते है वही ये लोग यमुना नदी की गोद में जाते है ये गर्व से कहते है " यमुना किसी के बाप की नहीं है "और अच्छा भी लगता है ये सुन के की इन लोगों को हमारी तरह नौकरी के लिए साक्षात्कार देने जाने की जरुरत नहीं न सरकार की तरफ से ये सुनना परता है की हमारे पास नौकरी की कमी है इन्हें जब मन ये यमुना में जाते है अपने जरुरत अनुसार पैसे मिल जाए खाया पिया और खुश हो गए. एक बच्चे से पुछा की बेटा पापा क्या करते है तो उस ने कहा यमुना में काम उस बच्चे का जन्म भी यमुना के किनारे ही हुआ है और जब से वो होश संभाला निकल गया सिक्को की खोज में. मै ये सोचता हूँ की सरकार की योजना कहा गई जिसमे सर्व शिक्षा अभियान और नरेगा और बहुत सारी योजना है जो गरीबो के नाम पे शुरू की जाती है अपने वोट बैंक बनाने के लिए. यमुना अब हमारे लिए नदी नहीं नाला बन गई है और सरकार ने करोरो रुपये उस के सफाई के नाम पे खर्च किये. अगर आप यमुना नदी के किनारे पर खड़े होंगे तो उस गंदगी का पता चलेगा और आप उसे नदी नहीं नाला कहेंगे. इन सिक्का खोजने वालो के लिए यही नदी माँ है "यमुना माँ " और एक तरह से सही भी है

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