हमे तो अपना घर प्यारा हैं।

तुम छपरा शिफ्ट होना चाहते हो ? क्या कह रहे हो पागल तो नहीं हो गए ? सब ठीक हैं ? 
मेरे बचपन का दोस्त जो कुछ समय से दुबई में रहता हैं हम साथ पढ़े लिखे बड़े हुए। उस से बात हो रही थी तो मैंने कहा कुछ टाइम बाद मैं छपरा शिफ्ट होने वाला हूँ तो उस ने कहा पागल तो नहीं हो गए ? वहां क्या करोगे ? भाई इंडिया की हालत बहुत बुरी हैं तुम आराम से वही नौकरी करो जहाँ हों। मैंने कहा क्या बुरी हैं अगर मैं अपने होम टाउन में कुछ करना चाहता हूँ तो इस में बुरा क्या है ? कम से कम वहां अपने लोग तो होंगे अपना घर जहाँ हम पैदा हुयें वहां तो रहेंगे इस में क्या बुरा हैं। मैंने जो सीखा हैं पढ़ा हैं उसे वहां इस्तेमाल करूँगा। दोस्त ने कहाँ इंडिया में लोग जाती धर्म और करप्शन की बातें ज्यादा करते हैं वहां लडकिया सेफ नहीं हैं यहाँ दुबई में गोल्ड की दुकान में भी सिर्फ शीसे का डोर होता हैं यहाँ लोग मिल जुल के रहते हैं। मैंने पूछा तुम दुबई में बचपन से हो ? जीवन बीता छपरा में ४ साल से दुबई में हो तो गुणगान वही की करने लगे मान किया करप्शन हैं लडकिया सेफ नहीं हैं लोग जाती धर्म की बात करते हैं तो सभी देश छोड़ के भाग जाएँ ? अगर मैं किसी से जाती धर्म की बात नहीं करूँगा तो क्या कोई मेरे सर पे बन्दूक रख के बात करेगा ? और अगर कोई करता भी हैं तो आप अपने काम से मतलब रखो। जहा तक बात रही दुबई की तो वहां इंडिया और बाकि देश से गए लोग पैसा कमाने तो गए हैं पर उनकी हालत राजाओं जैसी नहीं हैं पचास डिग्री की गर्मी मिनिमम में वहां दस घंटे काम करना होता हैं एक बड़े से हॉल में जिसमे सिर्फ कूलर लगा हैं उस में बीस पच्चीस लोग रहते हैं और वो लोग सिर्फ इस लिए वहां मज़बूरी में काम कर रहे हैं ताकि कुछ पैसा कमा के वापस अपने घर लौट आएं ताकि अपनी ज़मीन अपने लोग के साथ रह सके। तुम गए हो अच्छे पोस्ट पे अच्छी सैलेरी पे तो तुम्हे अब अपना घर बुरा लगने लगा पर हमे तो अपना घर प्यारा हैं।

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