दिल्ली से छपरा जा रहा था कुछ दिन पहले 
मेरे कोच में बहुत सारे ऐसे लोग चढ़े थे जो सऊदी में नौकरी करते थे 
कुछ नौकरी छोड़ के आए थे कुछ छुट्टी में और कुछ ऐसे थे जिनको कुछ महीने से तन्खवाह नहीं मिली और कंपनी के पास काम नहीं हैं तो लोगो को निकाल दिया। मेरे साथ जिन लोगों की सीट थी उनसे मैं बात करते हुए जा रहा था की वहां कैसा माहौल हैं वो क्यों आये वापस फिर उनको जाना हैं या नहीं । एक लड़के ने बताया की वहां हमारे एक साथी की तबीयत ख़राब हो गई और जब हमने कंपनी को कहा एम्बुलेंस भेजने को तो कंपनी ने दो घंटे बाद एम्बुलेंस भेजा, जब तक एम्बुलेंस आई उस लड़के की मौत हो चुकी थी। सबने बहुत हो हल्ला मचाया मैनेजर को मारा पीटा और कंपनी कुछ महीने के लिए बंद हो गई। 


बातें चल ही रही थीं तभी वहां से समोसा बेचने वाला गुजरा, साथ बैठे एक लड़के ने कहा एक प्लेट समोसा दो लड़के ने समोसा को हाथ में लिया और बोला ये तो बहुत ठंडा हैं इंडिया साला कभी नहीं सुधरेगा और फिर उस ने समोसे वाले को मन कर दिया की नहीं खाना। 
हम दो तीन लोग आपस में बात कर रहे थे और वो लड़का खुद में मग्न  अपने नए मोबाइल के साथ और बार बार कहता था यहाँ तो 3g भी नहीं चलता वहां तो स्पीड काफी फ़ास्ट हैं।
  
मैंने दूसरे से पूछा की ये लड़का वहां क्या करता हैं ? तो बताया की वहां ये क्रेन का हेल्पर हैं अभी इसे गए एक साल ही हुए हैं। 
उस ग्रुप में जो सबसे सीनियर थे उनकी उम्र पैंतालीस पचास के आस पास होगी और सबसे शांत वही थे उन्होंने कहा की घर बन गया बेटी की शादी हो गई बेटा पढ़ गया अब आराम करना है घर जा कर पच्चीस साल हो गए घर से बाहर रहते। 

वो लड़का जिसने समोसे को मना किया था उस ने मुझसे हंसते हुए  पूछा आप क्या काम करते हो ? आपभी तैयारी में हो क्या जाने की चले जाओ मस्त लाइफ हैं 

फिर मैंने उस को बताया की मैं कुछ नहीं करता चैन से घूमना मेरा काम हैं तुम काम पे जाते होगे तो मोबाइल जमा कर के जाना होता होगा मुझे ऐसा नहीं करना पड़ता, जिस शहर में तुम हो वहां मिनिमम तापमान पचास डिग्री होता हैं जहाँ हर घर में एयर कंडीशन जरुरी हैं उस स्थिति में तुम लोगो को कंपनी वहां एक बड़े से हॉल में कूलर के सहारे बीस लोगो को एक साथ रखती हैं और इन बीस लोगो के लिए किचन भी एक ही होता हैं। सुबह कंपनी की बस आती होगी और सबको ले जाती होगी शाम में वापस घर पे पंहुचा देती होगी। खाड़ी देश में जो भी मजदुर क्लास लोग गए हैं चाहे भारत पाकिस्तान बांग्ला देश के क्यों न हो अब उनकी स्थिति ख़राब हैं अधिकतर अलग अलग बीमारी से परेशां हैं चाहे वो सर दर्द की परेशानी हो या टी बी की। और बहुत ऐसे हैं जिनको यहाँ से किसी और काम के लिए ले जाया गया हैं और वहां उनसे कम पैसे में कुछ और काम करवाया जा रहा हैं , रही बात यहाँ की तो समोसा भले ही ठंडा मिलता हैं 
लेकिन सुकून की ज़िन्दगी हैं  

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