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बलबीर की यादें

वर्ल्ड रेडियो डे

छोटे शहर की माँ और बड़े शहर का बच्चा छोटे शहर का घर बड़े शहर का मकान।

मेरा एक सपना था

गांधी का गाओं

अली

सच एक छोटी सी लाइन में निकल ही जाता हैं।

ऐसे ही।

हमे तो अपना घर प्यारा हैं।

सबको सनमती दें भागवान!

सब चले गए